भगवान की लीला
इस पल
जीवन
अगले पल
मौत
यह क्या खेल है
है यह क्या दुविधा
है यह भगवान की
कैसी लीला
किसने खींची थी
इसकी किस्मत की
लकीर ऐसी
किस महाज्ञानी पंडित ने
बनाई थी इसकी जन्मपत्री
ऐसी
किसने रची थी यह विधा
बनाया यह संसार
बसाया किसी का
घर बार
जन्म का
उपहार देकर
फिर मृत्यु का
दंड दिया
भरपूर जीवन क्यों नहीं
जीने देते प्रभु
हर किसी को
अपने पास वापिस
अच्छे इंसानों को बुलाने की
उन्हें क्या जल्दी रहती है
क्या जरूरत है उनकी
क्या निर्णय हैं उनके
सांसो की तारें थोड़ी लंबी
खींच
सबको जी भर कर
जीने का अवसर दो
सौभाग्य की वर्षा करो
न किसी को
कोई कष्ट दो
न किसी का जीवन
छोटा करो
उसकी सांसे न इतनी जल्दी
हरो
मेरी तो यही प्रार्थना है
यही कामना है
यही आरजू है
यही जुस्तजू है
यही तमन्ना है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001