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27 Dec 2022 · 1 min read

भगवान और भारत (मधुमालती, मनमोहन छंद)

भगवान और भारत
मधुमालती छंद
7/7=14 मात्राएँ
अंत 212
भगवान की, चर्चा करो ।
बस पाप से,हरदम डरो

मजधार में, नैया पडी
है सामने, अंतिम घड़ी।

अब छोड़ दो, संसार को ।
भज लो सिया, सरकार को ।

वे कामना पूरी करें।
वे ध्यान भी, तेरा धरें

उनको कभी, मत भूलना।
अभिमान में, मत झूलना।
********************
मनमोहन छंद
8/6 पर यति
अंत में तीन लघु

मेरा भारत, देश सबल
चलता हरदम,सँभल सँभल ।

सबसे आगे, सदा निडर ।
नहीं ताकता, इधर उधर ।

शीश हिमालय, श्वेत धवल ।
चरण पखारे,जलधि विमल।

जो भी आवे,झुकत शरण ।
करते उसका,तरण वरण ।

गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
24/12/22

Language: Hindi
71 Views
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