भगवता
प्रकृति के तांडव को अपनी गनीमत समझो
प्रकृति के नृत्य को अपने लिए प्रसाद, तुम खुद को खोज लो,
जिसे खोज रहे हो, वह मिले हुआ ही है .।।
प्रकृति के तांडव को अपनी गनीमत समझो
प्रकृति के नृत्य को अपने लिए प्रसाद, तुम खुद को खोज लो,
जिसे खोज रहे हो, वह मिले हुआ ही है .।।