भगत सिंह
भगत सिंह
भगत सिंह का जन्म दिन 23 मार्च को शहीद दिवस के रुप में मनाया जाता है।
जब भी भगत सिंह याद आते हैं तो आँखों के सामने पिस्तौल हाथ में लिए एक क्रांतिकारी सिपाही की तस्वीर बन जाती है जो कि भगत सिंह जैसे व्यक्तित्व का अपमान है। इतिहास हो या आप जैसे आधुनिक हिंदी गीतकार कोई भी शहीद ए आजम की प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर पाए। वह भगत सिंह जो असेंबली में बम सिर्फ हुकूमत तक अपनी बात पहुंचाने के लिए फेंकते हैं ना कि किसी की जान लेने के लिए। ऐसे भगत सिंह की बात कोई नहीं करता जो कारावास में क्रांतिकारी आंदोलनकारियों के साथ समान व्यवहार हो उसके किए भूख हड़ताल करते हैं। वह भगत सिंह जिसके समाजवादी विचार सभी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और धन के समान वितरण को परिभाषित करते हैं क्यों हम हमेशा एकमात्र क्रांतिकारी भगत सिंह की बात करते हैं? क्यों हम एक समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, अहिंसक भगत सिंह की बात नहीं करते जो कहता था कि क्रांति की तलवार की धार विचारों की शान से तेज होती है। समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, अहिंसावादी शहीद ए आजम को विनम्र श्रद्धांजली।
#किसानपुत्री_शोभा_यादव