भगतसिंह से सवाल
ओय भगता रे
ओय भगता रे
आख़िर तू मेरा क्या लगता रे…
(१)
जब भी सुना
मैंने ज़िक्र तेरा
क्यों ज़ोर से दिल यह धड़का रे
ओय भगता रे
ओय भगता रे
आख़िर तू मेरा क्या लगता रे…
(२)
जब भी सोचा
मैंने हाल तेरा
क्यों आंख से आंसू छलका रे
ओय भगता रे
ओय भगता रे
आख़िर तू मेरा क्या लगता रे…
(३)
जब भी पढ़ा
मैंने ख़्याल तेरा
क्यों शोला रगों में भड़का रे
ओय भगता रे
ओय भगता रे
आख़िर तू मेरा क्या लगता रे…
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Shekhar Chandra Mitra
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