भगतसिंह का क़र्ज़
अरे तू तो निभा गया
अपना हर फ़र्ज़,
भगत सिंह
अब कैसे चुकाएंगे
हम तेरा क़र्ज़,
भगत सिंह…
(१)
तू मूर्दों की
बस्ती में था
एक मर्द,
भगत सिंह
अब कैसे चुकाएंगे
हम तेरा कर्ज,
भगतसिंह…
(२)
तूने जो समझा
आम जनता का दर्द,
भगत सिंह
अब कैसे चुकाएंगे
हम तेरा कर्ज,
भगत सिंह…
(३)
तुझसे सीखे
इंकलाब का यह तर्ज,
भगत सिंह
अब कैसे चुकाएंगे
हम तेरा क़र्ज़,
भगत सिंह…
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Shekhar Chandra Mitra
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