भक्ति गीत
उसके पास तुम्हे हर प्रश्नों, का उत्तर मिल जायेगा।
करले भजन प्रभू का बन्दे, हर संकट टल जायेगा।
वो चाहें तो निर्धन को पल
में धनवान बना दे।
मूरख अज्ञानी को चाहें
तो विद्वान बना दे।
दर से दुखी नहीं जाता
कोई अरमानों से।
भर देता झोली बाँझन की
वह संतानो से।
उसपर कृपा करेंगे प्रभु जी , जो भी हरि गुण गाएगा।
करले भजन प्रभू का बन्दे, हर संकट टल जायेगा।
किसने पुण्य कमाया किसने
पाप कमा रख्खा है।
उसके पास सभी के कर्मो
का हिसाब रख्खा है।
राजा हो या रंक बचा न
कोई वकालत से।
मिलता न्याय बराबर सबको
उसकी अदालत से।
जैसा कर्म करेगा मूरख, वैसा ही फल पायेगा।
करले भजन प्रभू का बन्दे, हर संकट टल जायेगा।
माया मोह में क्यों उलझा है
इक दिन तू मर जायेगा।
अभी समय है, प्रभू भजन कर
भवसागर तर जायेगा।
अंत समय जब टिक टिक करती
हृदय घड़ी रुक जाएगी।
दौलत शोहरत सर्व कमाई
यहीं पड़ी रह जाएगी।
कर्म तुम्हारे साथ रहेगा, बांकी सब जल जायेगा।
करले भजन प्रभू का बन्दे, हर संकट टल जायेगा।
अभिनव मिश्र अदम्य