Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2024 · 1 min read

भक्ति गीत

जय जय शिव शम्भू
जय जय शिव शंकर।
शिव के चरणों में हमारा
शत शत नमन है।

जय जय गिरिश्वर
जय जय महेश्वर।
शिव के चरणों में हमारा
शत शत नमन है।

जय जय सोमनाथ
जय जय केदारनाथ।
शिव के चरणों में हमारा
शत शत नमन है।

जय जय कपाली
जय जय कवची।
शिव के चरणों में हमारा
शत शत नमन है।

जय जय तारक
जय जय महासेनजनक।
शिव के चरणों में हमारा
शत शत नमन है।

जय जय उग्र
जय जय रुद्र।
शिव के चरणों में हमारा
शत शत नमन है।

जय जय आदिदेव
जय जय महादेव।
शिव के चरणों में हमारा
शत शत नमन है।

— Arghyadeep Chakraborty
22/10/2024

Language: Hindi
15 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आजादी दिवस
आजादी दिवस
लक्ष्मी सिंह
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वो अजनबी झोंका
वो अजनबी झोंका
Shyam Sundar Subramanian
ऐ वतन....
ऐ वतन....
Anis Shah
दीप आशा के जलें
दीप आशा के जलें
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मौत पर लिखे अशआर
मौत पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
चम-चम चमके चाँदनी
चम-चम चमके चाँदनी
Vedha Singh
“उलझे हुये फेसबूक”
“उलझे हुये फेसबूक”
DrLakshman Jha Parimal
"आखिरी नजराना"
Dr. Kishan tandon kranti
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जीया ख़ान ख़ान
जीया ख़ान ख़ान
goutam shaw
एक ज़िद थी
एक ज़िद थी
हिमांशु Kulshrestha
4573.*पूर्णिका*
4573.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"वक्त इतना जल्दी ढल जाता है"
Ajit Kumar "Karn"
प्रेम के दो  वचन बोल दो बोल दो
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Dr Archana Gupta
एक   राखी   स्वयं के  लिए
एक राखी स्वयं के लिए
Sonam Puneet Dubey
तुम्हारे इश्क में इतने दीवाने लगते हैं।
तुम्हारे इश्क में इतने दीवाने लगते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
Still I Rise!
Still I Rise!
R. H. SRIDEVI
pita
pita
Dr.Pratibha Prakash
विषय - स्वाधीनता
विषय - स्वाधीनता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरा प्रेम पत्र
मेरा प्रेम पत्र
डी. के. निवातिया
*मन  में  पर्वत  सी पीर है*
*मन में पर्वत सी पीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
Anil Mishra Prahari
"नारियल खोपड़ी से टकराए या खोपड़ी नारियल से, फूटना खोपड़ी को ही
*प्रणय प्रभात*
बड़ा सा आँगन और गर्मी की दुपहरी मे चिट्ठी वाले बाबा (डाकिया)
बड़ा सा आँगन और गर्मी की दुपहरी मे चिट्ठी वाले बाबा (डाकिया)
पूर्वार्थ
ये कैसी दीवाली
ये कैसी दीवाली
Satish Srijan
गाँधी जयंती
गाँधी जयंती
Surya Barman
आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर
आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
अंधा वो नहीं होता है
अंधा वो नहीं होता है
ओंकार मिश्र
Loading...