Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Nov 2019 · 1 min read

बड़ा तेज मन का मृग भागे

बड़ा तेज मन का मृग भागे
बिना रुके बस आगे आगे

नींदों के उपवन में डोले
सपने लेकर भोले भोले
दुनिया ये तब तक ही उसकी
जब तक नहीं नींद से जागे
बड़ा तेज मन का मृग भागे

नाजुक तो ये दर्पण जैसे
बिन आवाज टूटता वैसे
यही जिताता यही हराता
बाँधे यही मोह के धागे
बड़ा तेज मन का मृग भागे

मन ये रूप बदलता रहता
बात नहीं पर अपनी कहता
दुख से लड़ लड़ कर खुशियों से
हम सबका ही जीवन पागे
बड़ा तेज मन का मृग भागे

02-11-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 384 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
खत्म हो चुका
खत्म हो चुका
sushil sarna
4018.💐 *पूर्णिका* 💐
4018.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
Keshav kishor Kumar
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
DR arun कुमार shastri
DR arun कुमार shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विश्वास करो
विश्वास करो
Dr. Rajeev Jain
प्री वेडिंग की आँधी
प्री वेडिंग की आँधी
Anil chobisa
तुम में और हम में फर्क़ सिर्फ इतना है
तुम में और हम में फर्क़ सिर्फ इतना है
shabina. Naaz
सपना
सपना
ओनिका सेतिया 'अनु '
स्वीकार्यता समर्पण से ही संभव है, और यदि आप नाटक कर रहे हैं
स्वीकार्यता समर्पण से ही संभव है, और यदि आप नाटक कर रहे हैं
Sanjay ' शून्य'
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कवि को क्या लेना देना है !
कवि को क्या लेना देना है !
Ramswaroop Dinkar
"अभिमान और सम्मान"
Dr. Kishan tandon kranti
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
हम यह सोच रहे हैं, मोहब्बत किससे यहाँ हम करें
gurudeenverma198
विधा:
विधा:"चन्द्रकान्ता वर्णवृत्त" मापनी:212-212-2 22-112-122
rekha mohan
मैं हमेशा के लिए भूल जाना चाहता हूँ कि
मैं हमेशा के लिए भूल जाना चाहता हूँ कि "कल क्या था।"
*प्रणय प्रभात*
अजीब करामात है
अजीब करामात है
शेखर सिंह
मन करता है
मन करता है
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
हैं फुर्सत के पल दो पल, तुझे देखने के लिए,
हैं फुर्सत के पल दो पल, तुझे देखने के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वसंत
वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Never settle for less than you deserve.
Never settle for less than you deserve.
पूर्वार्थ
मधुर स्मृति
मधुर स्मृति
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
आईना बोला मुझसे
आईना बोला मुझसे
Kanchan Advaita
मेरे हमनवा ,मेरे रहनुमा ,मुझे रोशनी की मशाल दे ,,
मेरे हमनवा ,मेरे रहनुमा ,मुझे रोशनी की मशाल दे ,,
Neelofar Khan
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
सत्य कुमार प्रेमी
मनु
मनु
Shashi Mahajan
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
Dhirendra Singh
ये तलाश सत्य की।
ये तलाश सत्य की।
Manisha Manjari
पागलपन
पागलपन
भरत कुमार सोलंकी
Loading...