ब्लाक होते रिश्ते
किसी ने ज्योतिष
का पहला पाठ
जब पढाया था
कुंडली में गुरू का
महत्व बताया था।
कि घर के बुजुर्ग
खुश रहें
तो गुरू कभी
नाराज नही होते।
और प्रतिदिन
उनका आशीष ले लो
तो जरूरत ही नही
गुरू का कोई उपाय
करने की।
मगर पता नही था
कि अब रिश्ते
पसंद और नापसंद से
निभाए जाते हैं।
जिसे पिता कह
पुकारना चाहिए
वो ब्लाक हो जाते हैं
और जो अपने ही नही
वो dear कह
बुलाए जाते हैं।
रिश्ते अब
एक पल में
ब्लाक हो जाते हैॉ।
पसंद और नापसंद से
रिश्ते निभाए जाते है