Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2023 · 2 min read

ब्रहांड के पहले शिल्पकार

ब्रह्माण्ड के पहले शिल्पकार
***********************
आज सत्रह सितंबर है
आज ही सृष्टि के सृजन कर्ता
यंत्रों के देवता और ब्रहांड के प्रथम शिल्पकार
भगवान विश्वकर्मा जी की जयंती है,
हर वर्ष कन्या संक्रान्ति को
विश्वकर्मा जयंती के उपलक्ष्य में
भगवान विश्वकर्मा जी और
यंत्रों, अस्त्र शस्त्रों की पूजा की जाती है।
सृष्टि रचयिता ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र
भगवान विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ
जो सृजन के देवता माने जाते हैं,
एक अन्य प्रसंग में आता है
कि जब क्षीरसागर में शेष शैय्या पर
भगवान विष्णु प्रकट हुए,
तब उनके नाभि कमल से
ब्रह्मा जी दृश्यमान हुए,
जिनके के पुत्र धर्म और
धर्म के पुत्र वास्तुदेव उत्पन्न भये।
वास्तुदेव और उनकी पत्नी अंगिरसी से
विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ।
पौराणिक कथाओं में सोने की लंका और
द्वारिका के निर्माण भगवान विश्वकर्मा जी ने किया था।
विश्वकर्मा जी को ब्रह्मांड का पहला वास्तुकार
और दिव्य इंजीनियर कहा जाता है,
विश्वकर्मा जी ने ही मशीनों और
कलपुर्जों का निर्माण किया था।
इस दिन कल कारखानों, औजारों , हथियारों को
साफ सुथरा कर आकर्षक ढंग से सजाया जाता है,
इस दिन औजारों का ही नहीं
मद्यपान का भी प्रयोग निषेध होता है।
विधि विधान से भगवान विश्वकर्मा जी और
यंत्रों, औजारों का विधिविधान से
पूजा पाठ धूप दीप, हवन, यज्ञ कर
प्रसाद वितरण किया जाता है,
और श्रद्धा पूर्वक नमन वंदन कर
उनसे उनकी कृपा सदा मिलती रहे
का अनुग्रह किया जाता है।
भगवान विश्वकर्मा सृजन के देवता हैं,
मान्यता है कि संपूर्ण सृष्टि में
हर वो चीज जो सृजन में है
जिनका प्राणीमात्र के जीवन संचालन में
किसी भी रूप में तनिक भी सहयोग है
वो सब भगवान विश्वकर्मा की देन माना जाता है।
विश्वकर्मा जयंती के दिन ही
हमारे देश में अभियंता दिवस भी मनाया जाता है,
भगवान विश्वकर्मा की जयंती
पूरी श्रद्धा, विश्वास, हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 130 Views

You may also like these posts

खुद की नज़रों में भी
खुद की नज़रों में भी
Dr fauzia Naseem shad
शिव वन्दना
शिव वन्दना
Namita Gupta
नाख़ूनों पर
नाख़ूनों पर
Akash Agam
#आह्वान_तंत्र_का
#आह्वान_तंत्र_का
*प्रणय*
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
गांव की याद
गांव की याद
Punam Pande
*What is Life...*
*What is Life...*
Veneeta Narula
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Sunita Singh
तुम्हें भुलाने का सामर्थ्य नहीं है मुझमें
तुम्हें भुलाने का सामर्थ्य नहीं है मुझमें
Keshav kishor Kumar
" महफ़िल "
Dr. Kishan tandon kranti
वो मेरी पाज़ेब की झंकार से बीमार है
वो मेरी पाज़ेब की झंकार से बीमार है
Meenakshi Masoom
हे माँ कुष्मांडा
हे माँ कुष्मांडा
रुपेश कुमार
परिवर्तन ही वर्तमान चिरंतन
परिवर्तन ही वर्तमान चिरंतन
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
*नमन गुरुवर की छाया (कुंडलिया)*
*नमन गुरुवर की छाया (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*गरीबी में न्याय व्यवस्था (जेल से)*
*गरीबी में न्याय व्यवस्था (जेल से)*
Dushyant Kumar
अपनी शक्ति पहचानो
अपनी शक्ति पहचानो
Sarla Mehta
धरा स्वर्ण होइ जाय
धरा स्वर्ण होइ जाय
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
.
.
Amulyaa Ratan
3917.💐 *पूर्णिका* 💐
3917.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्रेम
प्रेम
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
Sitting in a metro
Sitting in a metro
Jhalak Yadav
गौरी सुत नंदन
गौरी सुत नंदन
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सीता स्वयंवर
सीता स्वयंवर
इंजी. संजय श्रीवास्तव
तेरे झूठ का जहर, तो जहर बांट रहा है।
तेरे झूठ का जहर, तो जहर बांट रहा है।
Sanjay ' शून्य'
सूचना
सूचना
Mukesh Kumar Rishi Verma
शीर्षक -एक उम्मीद आशा की
शीर्षक -एक उम्मीद आशा की
Sushma Singh
जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो
जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो
डॉ. दीपक बवेजा
आधार छन्द-
आधार छन्द- "सीता" (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगा (15 वर्ण) पिंगल सूत्र- र त म य र
Neelam Sharma
The battle is not won by the one who keep complaining, inste
The battle is not won by the one who keep complaining, inste
पूर्वार्थ
Loading...