मुझे भी बतला दो कोई जरा लकीरों को पढ़ने वालों
देहदान का संकल्प (सौहार्द शिरोमणि संत सौरभ पर अधारित)
सिर्फ वही इंसान शिक्षित है, जिसने सीखना और परिस्थितियों के अ
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
नेपाली कथा : वान्डर बोका !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
चाय पीने से पिलाने से नहीं होता है
मां की ममता को भी अखबार समझते हैं वो,
क्या खूब वो दिन और रातें थी,
इक्कीस मनकों की माला हमने प्रभु चरणों में अर्पित की।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*धरती के सागर चरण, गिरि हैं शीश समान (कुंडलिया)*
काह कहों वृषभानु कुंवरि की
न छुए जा सके कबीर / मुसाफिर बैठा
Kashtu Chand tu aur mai Sitara hota ,