ओ पंछी रे
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
बह्र- 1222 1222 1222 1222 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन काफ़िया - सारा रदीफ़ - है
आज उम्मीद है के कल अच्छा होगा
ये बेरुखी अच्छी नहीं बातें करो।
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
"राजनीति में जोश, जुबाँ, ज़मीर, जज्बे और जज्बात सब बदल जाते ह
इस दुनिया में सिर्फ मोबाइल को ही पता होता है उसका मालिक का क
"शायरा सँग होली"-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्ति के लिए आकाश की ऊंचाई नापना भी उ
सोनपुर के पनिया में का अईसन बाऽ हो - का
*ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है