Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2022 · 1 min read

“बोल “

लय और ताल सुरों से बंधकर ,गायन मोहक बनता है !
कर्कश ध्वनि में गीत बजे तो ,कोई नहीं समझता है !!@डॉ लक्ष्मण झा “परिमल “

Language: Hindi
151 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बहन की रक्षा करना हमारा कर्तव्य ही नहीं बल्कि धर्म भी है, पर
बहन की रक्षा करना हमारा कर्तव्य ही नहीं बल्कि धर्म भी है, पर
जय लगन कुमार हैप्पी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
कलियुग
कलियुग
Prakash Chandra
जो सरकार धर्म और जाति को लेकर बनी हो मंदिर और मस्जिद की बात
जो सरकार धर्म और जाति को लेकर बनी हो मंदिर और मस्जिद की बात
Jogendar singh
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
Shweta Soni
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
शेखर सिंह
कुछ अनुभव एक उम्र दे जाते हैं ,
कुछ अनुभव एक उम्र दे जाते हैं ,
Pramila sultan
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
मेरे सब्र की इंतहां न ले !
ओसमणी साहू 'ओश'
होकर उल्लू पर सवार
होकर उल्लू पर सवार
Pratibha Pandey
गाँव सहर मे कोन तीत कोन मीठ! / MUSAFIR BAITHA
गाँव सहर मे कोन तीत कोन मीठ! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
सादगी मुझमें हैं,,,,
सादगी मुझमें हैं,,,,
पूर्वार्थ
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Raksha Bandhan
Raksha Bandhan
Sidhartha Mishra
Hallucination Of This Night
Hallucination Of This Night
Manisha Manjari
2461.पूर्णिका
2461.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
gurudeenverma198
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
ज़हर क्यों पी लिया
ज़हर क्यों पी लिया
Surinder blackpen
बेटा
बेटा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भेज भी दो
भेज भी दो
हिमांशु Kulshrestha
शब्दों मैं अपने रह जाऊंगा।
शब्दों मैं अपने रह जाऊंगा।
गुप्तरत्न
मेरा कल! कैसा है रे तू
मेरा कल! कैसा है रे तू
Arun Prasad
"दास्तान"
Dr. Kishan tandon kranti
#मुक्तक
#मुक्तक
*प्रणय प्रभात*
*आत्मविश्वास*
*आत्मविश्वास*
Ritu Asooja
कोहरा
कोहरा
Dr. Mahesh Kumawat
आए प्रभु करके कृपा , इतने दिन के बाद (कुंडलिया)
आए प्रभु करके कृपा , इतने दिन के बाद (कुंडलिया)
Ravi Prakash
पायल
पायल
Kumud Srivastava
Loading...