बोल रहा है वो
कुछ मीठा सा एहसास लिए, शरबत सा घोल रहा है वो।
खोयी हुई खुशियों को अपने ,रिश्तों में टटोल रहा है वो।
कहाँ भटक के चले गए हो जरा अपना पता बतला भी दो,
उसे कोई तुम तक पहुंचा दे, सबसे बोल रहा है वो।
-सिद्धार्थ पाण्डेय
कुछ मीठा सा एहसास लिए, शरबत सा घोल रहा है वो।
खोयी हुई खुशियों को अपने ,रिश्तों में टटोल रहा है वो।
कहाँ भटक के चले गए हो जरा अपना पता बतला भी दो,
उसे कोई तुम तक पहुंचा दे, सबसे बोल रहा है वो।
-सिद्धार्थ पाण्डेय