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25 Oct 2024 · 1 min read

बोल उठी वेदना

उनकी ज्यादती बेअसर नहीं
इतना डराये कि अब डर नही
बदजुबानी से न दिल भेदना
मौन रहकर बोल उठी वेदना

पीड़ा किसी का हर नहीं सकते
घाव किसी का भर नहीं सकते
तो मतलब की रोटी सेक ना
मौन रहकर बोल उठी वेदना

स्वार्थ की जिंदगी कब तक
दिमाग की गंदगी कब तक
अब जगा ले अपनी चेतना
मौन रहकर बोल उठी वेदना

वक्त तेजी से निकल जायेगा
किये पर अपनी पछतायेगा
हृदय में भर लें संवेदना
मौन रहकर बोल उठी वेदना

नूर फातिमा खातून “नूरी”
जिला -कुशीनगर

Language: Hindi
18 Views
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