बोलो हरे कृष्णा
बोलो हरे कृष्णा, बोलो हरे मुरारी
बोलो हरे कृष्णा, बोलो कुंज बिहारी
तेरा रोम-रोम पुलकित हो जायेगा
तेरे मन की पीड़ा मिट जायेगा
मन मथुरा,तन वृन्दावन बन जायेगा
मन मंदिर में मुरली वाला आयेगा
बोलो प्रियापति, बोलो हरे बनवारी
बोलो हरे कृष्णा, बोलो कुंज बिहारी
साँवरा सलोना मनमोहन को पुकारों
कृष्ण कन्हाई मुरली मनोहर को पुकारों
आयेगा कान्हा ग्वालों की टोली लेकर
ब्रिज के नंदकिशोर घनश्याम को पुकारों
बोलो राधे राधे गोविंद गिरधारी
बोलो हरे कृष्णा बोलो कुंज बिहारी
प्रेम बरसाएगा गिरधर श्याम गोपाला
अँधेरा जीवन को देगा वो ही उजाला
सबके सखा है,वो सखा धरम निभायेगा
पालनहार है वो धरती को स्वर्ग बनायेगा
बोलो माधव केशव राधे बनवारी
बोलो हरे कृष्णा,बोलो कुंज बिहारी
रचनाकार :-दुष्यंत कुमार पटेल “चित्रांश”