बोलो जय श्री अग्र हरे
महाराजा अग्रसैन महाराज की जयंती के अवसर पर ———
अग्रसैन महाराज को, शत -शत नमन करें।
लेकर उनका नाम हिय में भवसागर पार करें।
प्रीति की रीति जगाई जग में परहित काम करे।
बोलो जय श्री अग्र हरे ! बोलो जय श्री अग्र हरे !
पिता थे बल्लभ , मां भगवती देवी का जाया थे।
आभा थी मुखमण्डल पर,सुगढ़ सलोनी काया थे।
मन से जो भी याद करे , मन के संताप हरें।
अग्रसैन महाराज को, शत -शत नमन करें।
बोलो जय श्री अग्र हरे!————————
अग्रधाम की कर स्थापना,परचम अपना लहराया था।
हरा इन्द्र को रणभूमि में ,केसरिया ध्वज फहराया था।
जननायक हैं ,जनपालक हैं ,जन -जन के रोग हरें।
अग्रसैन महाराज को, शत -शत नमन करें।
बोलो जय श्री अग्र हरे!————————
शासन के विस्तार की खातिर ,अट्ठारह गणराज्य बनाये थे।
सब जीव सुखी थे शासन में ,समुचित सम्मान वो पाए थे।
न दींन दुखी था कोई जन ,सब के घर धन -धान्य भरें ।
अग्रसैन महाराज को, शत -शत नमन करें।
बोलो जय श्री अग्र हरे!————————
तुम अग्र विधाता ,जीवनदाता ,जो गुणगान यह गाता है।
शरण तुम्हारी जो भी आता , सुख- समृद्धि पाता है।
मैं भी तेरे शरणागत हो जाऊँ , मन मैं ये भाव भरें।
अग्रसैन महाराज को, शत -शत नमन करें।
बोलो जय श्री अग्र हरे!————————