Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2023 · 1 min read

*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*

बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)
➖➖➖➖➖➖➖➖
बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन
सतयुग द्वापर चुप रहे , त्रेता दीखा मौन
त्रेता दीखा मौन , अचानक कलयुग आया
ऑंसू लेकर साथ , दुखी हो- हो बतलाया
कहते रवि कविराय, नब्ज सब आज टटोलो
किसमें सेवा भाव , शेष माँ के प्रति बोलो
*********************************
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

500 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

The thing which is there is not wanted
The thing which is there is not wanted
कवि दीपक बवेजा
मिलोगे जब हमें प्रीतम मुलाकातें वही होगी ।
मिलोगे जब हमें प्रीतम मुलाकातें वही होगी ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
#नवजीवन
#नवजीवन
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
बहुत अरमान लिए अब तलक मैं बस यूँ ही जिया
बहुत अरमान लिए अब तलक मैं बस यूँ ही जिया
VINOD CHAUHAN
अब क्या किसी से रिश्ता बढ़ाएं   हम।
अब क्या किसी से रिश्ता बढ़ाएं हम।
sushil sarna
मधुर जवानी
मधुर जवानी
Sunil Suman
विजेता
विजेता
Sanjay ' शून्य'
चले शहर की ओर जब,नवयुवकों के पाँव।
चले शहर की ओर जब,नवयुवकों के पाँव।
RAMESH SHARMA
राममय जगत
राममय जगत
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
इंसान तो मैं भी हूं लेकिन मेरे व्यवहार और सस्कार
इंसान तो मैं भी हूं लेकिन मेरे व्यवहार और सस्कार
Ranjeet kumar patre
वो दौर था ज़माना जब नज़र किरदार पर रखता था।
वो दौर था ज़माना जब नज़र किरदार पर रखता था।
शिव प्रताप लोधी
ये बेकरारी, बेखुदी
ये बेकरारी, बेखुदी
हिमांशु Kulshrestha
आखिर कब तक ऐसा होगा???
आखिर कब तक ऐसा होगा???
Anamika Tiwari 'annpurna '
किया पोषित जिन्होंने, प्रेम का वरदान देकर,
किया पोषित जिन्होंने, प्रेम का वरदान देकर,
Ravi Yadav
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रदीप माहिर
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*मोटू (बाल कविता)*
*मोटू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मातृशक्ति को नमन
मातृशक्ति को नमन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
Ragini Kumari
..
..
*प्रणय*
जीवन में प्रकाश, जुगनू की तरह आया..
जीवन में प्रकाश, जुगनू की तरह आया..
Shweta Soni
वैदिक विवाह
वैदिक विवाह
Dr. Vaishali Verma
रहो तुम स्वस्थ्य जीवन भर, सफलता चूमले तुझको,
रहो तुम स्वस्थ्य जीवन भर, सफलता चूमले तुझको,
DrLakshman Jha Parimal
किसी की राह के पत्थर को, गर कोई हटाता है
किसी की राह के पत्थर को, गर कोई हटाता है
gurudeenverma198
कुछ लोग मुझे इतना जानते है की मैं भी हैरान हूँ ।
कुछ लोग मुझे इतना जानते है की मैं भी हैरान हूँ ।
Ashwini sharma
रोपाई
रोपाई
Ashok Sharma
मां को नहीं देखा
मां को नहीं देखा
Suryakant Dwivedi
"मत भूलना"
Dr. Kishan tandon kranti
4341.*पूर्णिका*
4341.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...