Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2022 · 1 min read

बोली आ भासा

बोली आ भाषा-हर जानवर के बोली अलग अलग हैय। बोली से पहचानल जा सकै हैय कि इ कोन जानवर के बोली हैय।गाय के हैय कि भैस के हैय।बाघ के हैय कि शेर के हैय।कुत्ता के हैय कि सियार के हैय।हाथी के हैय कि घोड़ा के हैय। बंदर के हैय कि भालू के हैय। कौआ के हैय कि तोता के। बगरा के हैय कि परबा के।तहिना आदमी के हैय कि कोनो जानवर वा पंछी के।कहे के मतलब बोली के आवाज के।त कोन आधार पर कहल जाय हैय कि आदमी के बोली पांच कोस पर बदल जाइ छैय। वास्तव मे बोली के आवाज न बदलैय छैय। वरन् बोली के भासा बदल जाइ हैय। जानवर के बोली मे भासा न हैय। आदमी के बोली मे भासा सन्निहित हैय। आदमी के संदर्भ मे जेकरा हम बोली कहैइ हैय बास्तब मे वो भासा हैय जे स्थान विशेष पर बदल जाइ छैय।वा शैली मे परिवर्तन होइ जाइ हैय।अहि लेल कोनो भासा के विभिन्न शैली होइ जाइ हैय।यथा मैथिली के विभिन्न शैली देखल जाइ हैय जेकरा भासा विज्ञानी केन्द्रीय,दच्छिनी, पच्छमी मैथिली कहैइ हैय। वास्तव मे सभ विभिन्न शैली मे मैथिली हैय।एकरा बोली न कहल जा सकैय हैय। आ वरन् भासा हैय।आ इ कोनो भासा मे हो सकैय हैय।
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सह साहित्यकार सीतामढ़ी।

Language: Maithili
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 244 Views

You may also like these posts

स्वच्छता अभियान
स्वच्छता अभियान
Neha
सृष्टि का कण - कण शिवमय है।
सृष्टि का कण - कण शिवमय है।
Rj Anand Prajapati
सहेजे रखें संकल्प का प्रकाश
सहेजे रखें संकल्प का प्रकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
स्वामी विवेकानंद जयंती पर
स्वामी विवेकानंद जयंती पर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
Abhishek Soni
गुलाबों का सौन्दर्य
गुलाबों का सौन्दर्य
Ritu Asooja
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
VINOD CHAUHAN
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
मजदूरों के मसीहा
मजदूरों के मसीहा
नेताम आर सी
“इटरमीडियट कैड़र का ड्रामा प्रतियोगिता”
“इटरमीडियट कैड़र का ड्रामा प्रतियोगिता”
DrLakshman Jha Parimal
गाँव सहमा हुआ आया है जीता
गाँव सहमा हुआ आया है जीता
Arun Prasad
पिता की याद।
पिता की याद।
Kuldeep mishra (KD)
रूक्मणी
रूक्मणी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
3073.*पूर्णिका*
3073.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"देखना हो तो"
Dr. Kishan tandon kranti
- जिंदगी हो गई क्रिकेट मैच की तरह -
- जिंदगी हो गई क्रिकेट मैच की तरह -
bharat gehlot
जीवनाचे वास्तव
जीवनाचे वास्तव
Otteri Selvakumar
रक्षा दल
रक्षा दल
Khajan Singh Nain
..
..
*प्रणय*
किताबों की कीमत हीरे जवाहरात से भी ज्यादा हैं क्योंकि जवाहरा
किताबों की कीमत हीरे जवाहरात से भी ज्यादा हैं क्योंकि जवाहरा
Raju Gajbhiye
हमसफ़र
हमसफ़र
अखिलेश 'अखिल'
प्यार है ही नही ज़माने में
प्यार है ही नही ज़माने में
SHAMA PARVEEN
भक्तिकाल
भक्तिकाल
Sanjay ' शून्य'
कुछ ख्वाहिश रही नहीं दिल में ,,,,
कुछ ख्वाहिश रही नहीं दिल में ,,,,
Ashwini sharma
बेशक आजमा रही आज तू मुझको,मेरी तकदीर
बेशक आजमा रही आज तू मुझको,मेरी तकदीर
Vaishaligoel
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
अब कुछ साधारण हो जाए
अब कुछ साधारण हो जाए
Meera Thakur
साथ तेरा मिलता
साथ तेरा मिलता
Chitra Bisht
मैं किसान हूँ
मैं किसान हूँ
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...