*बोला नहीं करते*
समझदार कभी ज्यादा, बोला नहीं करते ।
तिजारत बाले कभी ,वाट तोला नहीं करते।।
तोते बोलते हैं ,रटाई गई तहजीब हमेंशा
तकदीर बेचने वाले,भेद खोला नहीं करते।।
सीधे रास्ते से गुजरने वालों को कभी देखा
वो भूलके भी यार कभी,टेढ़े डोला नहीं करते।।
जिन्होंने सीखा है हुँनर ,मोहब्बत बढाने का
वो कभी तस्वीरों में ,जहर घोला नहीं करते ।।
सूखे तालाव हैं ये , पानी मिला तो उफना गये
समुन्दर हरे होके भी , कभी रोला नहीं करते ।।
‘साहव’ हमने कई दिलावर भी देखे हैं , मग़र
वो कभी किसी का दुखी हैं,चोला नहीं करते।।