बोलना लिखना सुकून देता है
बोलना लिखना सुकून देता है
इसलिए ….
कुछ भी लिखो
पर ज़रूर लिखो
कविता ढालो
चिट्ठियाँ लिखो
पन्नों को जान दे दो
कोरे काग़ज़ पर अरमान लिख लो
अपनी कहनी लिखो
उसकी कथा सुनाओ
मन की व्यथा उँडेलो
सन्नाटों से निकलो
गीत गाओ
गाओ बजाओ
रंग भरो
ताल सजाओ
मुद्रा बनाओ
दोस्तों को याद करो
ख़ुद भी लिखो
सब को लिखने पर मजबूर करो
आवाज़ पर न लगाम लगाओ
उम्मीदों को समेटों
ख़ामोशियों को तोड़ो
भोर की रोशनी में नहा लो
गुलाबी आसमान कर दो
कुछ भी कर लो
पर चुप न बैठो
मीनू लोढ़ा