# बोरे बासी दिवस /मजदूर दिवस….
प्रस्तुत है “मजदूर दिवस” पर जिसे छत्तीसगढ़ सरकार “बोरे बासी दिवस” के रूप में मना रही है पर एक छोटी सी रचना……
# बोरे बासी दिवस / मजदूर दिवस…
तोला मुबारक मोरे साथी ,
बटकी-बटकी बोरे बासी …!
रात के भात में
डार के नून पानी ,
बिहनिया बिहनिया
देवे नानी …!
मन भर के एला
बल्लू दबाए
संग चेंच भाजी
अऊ अथान चानी …!
गर्मी में सब ला सुहाय ,
का लइका का महतारी …!
बनिहारी के जीवन रेखा ,
बनथे ग ये संगवारी …!
आमा चटनी चेंच भाजी ,
गर्मी म लगाए आगी …!
हल्का होते जल्दी पचथे
नई होवे एमें सर्दी खांसी …!
तोला मुबारक मोरे साथी ,
बटकी-बटकी बोरे बासी …!
चिन्ता नेताम ” मन ”
डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)