बोझ
प्रतिज्ञा और वचन सोच विचार कर कीजिए ,
जितनी आसानी से निभाई जाए ।
इंसान के हालात बदलने में देर नही लगती ,
कहीं ऐसा न यह आप पर बोझ बन जाएं।
प्रतिज्ञा और वचन सोच विचार कर कीजिए ,
जितनी आसानी से निभाई जाए ।
इंसान के हालात बदलने में देर नही लगती ,
कहीं ऐसा न यह आप पर बोझ बन जाएं।