Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2024 · 1 min read

बोझ बनकर जिए कैसे

बोझ बनकर कोई जिए कैसे,
जिंदगी भर ये जहर पिए कैसे।

भला ये दिल डरा सहमा सा क्यों है,
किसी ने इतने ज़ख्म दिए कैसे।

जब बोलते थे वो तो प्यार टपकता था बातों से,
उनके ये होंठ सीए कैसे।

मारना ही चाहा ए दोस्त सबने हमको,
न पूछ कि हम जी लिए कैसे।

जब उसको लौटकर ही नहीं आना है,
फिर कोई रास्ता निकलेगा बोलिए कैसे।

2 Likes · 52 Views

You may also like these posts

* नदी की धार *
* नदी की धार *
surenderpal vaidya
सैनिक का खत– एक गहरी संवेदना।
सैनिक का खत– एक गहरी संवेदना।
Abhishek Soni
फूलों ने कली
फूलों ने कली
manjula chauhan
*नजर के चश्मे के साथ ऑंखों का गठबंधन (हास्य व्यंग्य)*
*नजर के चश्मे के साथ ऑंखों का गठबंधन (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
जिनमें सोचने समझने की क्षमता है।
जिनमें सोचने समझने की क्षमता है।
Sonam Puneet Dubey
याद सताय
याद सताय
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"हमारे नेता "
DrLakshman Jha Parimal
नेता
नेता
Punam Pande
दिल की बात
दिल की बात
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
" जब "
Dr. Kishan tandon kranti
🙅अपडेट🙅
🙅अपडेट🙅
*प्रणय*
शब की ख़ामोशी ने बयां कर दिया है बहुत,
शब की ख़ामोशी ने बयां कर दिया है बहुत,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*चक्रव्यूह*
*चक्रव्यूह*
Pallavi Mishra
मुझे हर वो बच्चा अच्छा लगता है जो अपनी मां की फ़िक्र करता है
मुझे हर वो बच्चा अच्छा लगता है जो अपनी मां की फ़िक्र करता है
Mamta Singh Devaa
- अगर ना होता पेट तो ना होती किसी से भी भेट -
- अगर ना होता पेट तो ना होती किसी से भी भेट -
bharat gehlot
4071.💐 *पूर्णिका* 💐
4071.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
You are holding a cup of coffee when someone comes along and
You are holding a cup of coffee when someone comes along and
पूर्वार्थ
Let us converse with ourselves a new this day,
Let us converse with ourselves a new this day,
अमित
मेरा दिल
मेरा दिल
SHAMA PARVEEN
प्रेम दिवानी
प्रेम दिवानी
Pratibha Pandey
सबूत- ए- इश्क़
सबूत- ए- इश्क़
राहुल रायकवार जज़्बाती
तुमने अखबारों में पढ़ी है बेरोज़गारी को
तुमने अखबारों में पढ़ी है बेरोज़गारी को
Keshav kishor Kumar
जय श्री गणेशा
जय श्री गणेशा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
यादों में
यादों में
Shweta Soni
बेटी
बेटी
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तुम
तुम
Sangeeta Beniwal
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
आर.एस. 'प्रीतम'
अयोध्या
अयोध्या
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
व्यथा हमारी दब जाती हैं, राजनीति के वारों
व्यथा हमारी दब जाती हैं, राजनीति के वारों
Er.Navaneet R Shandily
कविता
कविता
Shiva Awasthi
Loading...