***बैसाखी पर्व***
रंग रंगीला बैसाखी पर्व है आया
खुशियों ने है रंग जमाया |
चारों तरफ है छाई बहार
दिल में जागी उमंगे हजार|
साकार हुए हैं सबके सपने
मिल कर बैठे सारे अपने |
धरती का मुग्ध हुआ हर कोना
खेतों मे बिखरा है सोना |
देख कर जिसको हर पल
महक रहा किसान का मन आँगन |
तासे ढोलक और बाजे बजे है
देखो सब मस्त मग्न सजे हैं |
चिडियों से वो बाज लडाए
तब गुरू गोबिन्द वो नाम धराए |
देकर प्यारा पंथ खालसा
बन गए वो सबके दिलों के बादशाह |
गंगा मैय्या तब धरा पर आई
भक्ति की है की धारा बहाई
आओ “मीनाक्षी” सब मिल नाचे गाएं
पावन बैसाखी का हम पर्व मनाएं |
डॉ मीनाक्षी कौशिक रोहतक