बैठे थे किसी की याद में
बैठे थे किसी की याद में
वोह भूल चुके है इस जमाने में
कभी याद करते थे हमे
आज पहचानते जरूर है
पर दूर रहते है
नजरों से नज़रे मिलने में
लेखक सोनित प्रजापति
बैठे थे किसी की याद में
वोह भूल चुके है इस जमाने में
कभी याद करते थे हमे
आज पहचानते जरूर है
पर दूर रहते है
नजरों से नज़रे मिलने में
लेखक सोनित प्रजापति