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16 Jul 2020 · 1 min read

बैकबोन ( संस्कार )

अजीब सा …..
सीलने लगा है ये शहर
सीलने से सड़ने लगे हैं हाथ – पैर
गलने लगी है रीढ़ की हड्डी ,
अगर धूप ना निकली
सीलन इसी तरह बढ़ी
तो लगता हैं पूरा शहर
बिना रीढ़ की हड्डी के हो जायेगा
और ” बैकबोन ” का नाम
इस शहर से हट जायेगा ।

स्वरचित एवं मौलिक
(ममता सिंह देवा , 20/01/90 )

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 561 Views
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