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8 Feb 2022 · 1 min read

बेहतर

मीठे तम से
कड़वे सच की
भोर
बहुत ही बेहतर है।

फूल दिलों के
गूँथे जिसमें
डोर
बहुत ही बेहतर है।

कच्ची डोरी
रिश्तों की
टूटती देख भी
ना टूटी,

ऐसी ज़ालिम ख़ामोशी से
शोर
बहुत ही बेहतर है।।

संजय नारायण

Language: Hindi
1 Like · 231 Views
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