बेसहारा हुए हैं।
हर सहारे से बेसहारा हुए है।
ये दिल है टूटा किनारा लिए है।।1।।
दिलों जां से जिन्हें चाहते थे।
बेहिस दिलसे हमारे ना हुए है।।2।।
जो थे पाक दिल यूं ज़मानें में।
सब गुनाहों में मुब्तिला हुए है।।3।।
प्यार को जो सब में बांटते थे।
वो दिलसे किसी के ना हुए है।।4।।
दिल ए इश्क लगता कहीं ना।
भीड़ में भी देखो तन्हा हुए है।।6।।
इंतजार में हम कबसे खड़े है।
तेरा आने का रास्ता देखते है।।5।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ