बेशर्मी के दौर में, मरा आँख का नीर
बेशर्मी के दौर में, मरा आँख का नीर
जर्जर होती जा रही, रिश्तों की जंजीर
रिश्तों की जंजीर,बड़ी दौलत की ताकत
और भा रही ख़ूब, अकेलेपन की आदत
कहे ‘अर्चना’ बात, चलन में है हठधर्मी
सिखा रही है आज, आधुनिकता बेशर्मी
25-05-2022
डॉ अर्चना गुप्ता