बेवफ़ा को भूल जाना बेहतर है
बेवफ़ा को भूल जाना बेहतर है
गम छुपाकर मुस्कुराना बेहतर है
बेकदर हो जाओ नजरों में किसी की
तो वहाँ से लौट आना बेहतर है
कोई नज़रों से पिलाए जाम मय का
मयकशी को आज़माना बेहतर है
गीत कोई भी अगर अच्छा लगे तो
साथ उसके गुन गुनाना बेहतर है
है बुरा कितना ज़माना सोचते हो
आप अच्छे तो ज़माना बेहतर है
दौर उल्फत और नफरत का भी ‘सागर’
जिंदगी में आना जाना बेहतर है