बेवफा का संगीन अंजाम नहीं होता
बेवफा का संगीन अंजाम नहीं होता
मैं हवा हूं हवा का सही मुकाम नहीं होता
दिल दुखाने से पहले सोचा होता
टुटे दिल को जोड़ना आसान नहीं होता
तनहाई में जीना भी कोई ज़िन्दगी है
अकेला इंसान यारों इंसान नहीं होता
दुःख दिया तो सुख भी देंगे ख़ुदा
हमारे हालात से वो अंजान नहीं होता
इंकलाब तो तभी होता है नूरी
जब तक कोई दिलेर कुर्बान नहीं होता