बेवफ़ाई
सिला वो दे गए,
लौटकर न आए।
जल रहा दिल मेरा,
दूसरो के हो गए।
अब रोता बस, उनकी यादों में।
जो किए वादे, मुझसे हर बातों में।
कैसे भूलूंगा उसको मै, उसको बेवफ़ाई का..।
आज आंसू जो गिर रहे हैं, उसके जुदाई का।
उससे जो प्यार था,
क्यों नफरत किए मुझसे।
ज़ख्म जो दिल में है,
भरूं उसको अब कैसे।
आज तन्हाइयां है।
कभी ऐसा न हुआ है।
हमें लगता है, सौदा हुआ इन बुराई का..।
आज आंसू जो…………..।
मुझको तन्हा, क्यों छोड़ा उसने।
प्यार जो न करना था, क्यों किए उसने।
अगर हम जानते, प्यार न करते।
अकेला रहते तो, जुदा न होते।
आज जो जल रहे हैं, बस उसके लिए।
मै जो भूले आलम, बस उसके लिए।
जो गिरते हैं मेरे आंसू, हो गई किसी शहनाई का..।
आज आंसू जो गिर रहे हैं, उसके जुदाई का।।
लेखक/कवि- मनोज कुमार
उत्तर प्रदेश, गोंडा जिला
मो. न.- 7905940410