बेवज़ह उसी ने
सोचा मददगार होगा वो?
उसे अपनी तकलीफ़ तो बता दी?
बेवज़ह उसी ने फिर भरी बाज़ार,
मेरी ईज़्जत जो उछाल दी?
शायर ©किशन कारीगर
सोचा मददगार होगा वो?
उसे अपनी तकलीफ़ तो बता दी?
बेवज़ह उसी ने फिर भरी बाज़ार,
मेरी ईज़्जत जो उछाल दी?
शायर ©किशन कारीगर