बेरोजगार लड़के
बेरोजगार लड़के
बेरोजगार लड़के, तुम क्यों हार जाते हो? क्यों तुम हार मान जाते हो? क्यों तुम हार स्वीकार करते हो?
लड़कियों को नौकरी चाहिए, यह सोच तुम्हारे मन में है। पर क्या यह सोच सही है? क्या यह सोच तुम्हारी किस्मत है?
नहीं, यह सोच तुम्हारी किस्मत नहीं है। यह सोच तुम्हारे मन की एक धारणा है। यह सोच तुम्हारी एक मान्यता है।
तुम एक लड़के हो, तुम्हारी अपनी पहचान है। तुम्हारे अपने गुण हैं, तुम्हारे अपने कर्म हैं।
तुम एक इंसान हो, तुम्हारी अपनी गरिमा है। तुम्हारे अपने सम्मान है, तुम्हारे अपने अधिकार है।
तुम बिना नौकरी के भी, एक सफल इंसान बन सकते हो। तुम बिना नौकरी के भी, एक खुशहाल इंसान बन सकते हो।
तुम बिना नौकरी के भी, एक सम्मानित इंसान बन सकते हो। तुम बिना नौकरी के भी, एक स्वीकार्य इंसान बन सकते हो।
इसलिए, बेरोजगार लड़के, हार मत मानो। अपने सपनों को मत छोड़ो। अपने लक्ष्यों को मत भूलो।
अपने गुणों को पहचानो। अपने कर्मों को निभाओ। अपनी गरिमा को बनाओ। अपने सम्मान को बचाओ।
अपने अधिकारों को पहचानो। अपने सपनों को पूरा करो। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करो।
और फिर देखो, बेरोजगार लड़के, तुम कैसे सफल हो जाते हो। तुम कैसे खुशहाल हो जाते हो। तुम कैसे सम्मानित हो जाते हो। तुम कैसे स्वीकार्य हो जाते हो।