बेरोजगारी…
बेरोजगारी का विस्तृत बाजार फैला है
हर युवा के कन्धों पर जिम्मेदारियों का थैला है
हैं शिक्षित युवा जो भृमित हो रहे हैं
परेशानियों को कन्धों पर ढो रहे हैं
गुजारा भी करना बड़ा मुश्किल है
इस विकराल समस्या का क्या कोई हल है?
अगर कोई हल है तो उसको सुझाओ
उन्नति के पथ पर इस देश को लाओ
इसी में ही सबकी भलाई है भाई
बेरोजगारी जान की आफत बनकर आई
इस मुसीबत को जड़ से मिटाना ही होगा
रोजगार के अवसरों को सामने लाना ही होगा।
– मानसी पाल ‘मन्सू’