बेमतलब के
घोर सोशल मीडिया के
दौर में भी
अब कोई नहीं भेजते हैं
बेमतलब के
हाय, गुड मॉर्निंग, गुड इवनिंग
डिजिटल हार्ट, डिजिटल गुलाब
ढोंग रहीसी के
थोड़े थोड़े सब में शामिल हैं
पर वक्त का ताना बाना
एक दिन सबको बेपर्दा कर देता है
जब लाइफ बेपटरी हो जाती है
जब उग आते हैं
राह पर संकट के कांटें
तब बरसता है घोस्टिंग लव
कंडीशनल लव का
फिर से राइज होता है
और मतलब के पूरे होते ही
लव का इमोजी सेंड कर
गुड नाईट का मैसेज कर
फिर भूल जाते हैं
हम कितना इनोसेंट है
रंगीन दुनिया में
सादा बन बैठे हुए हैं
और फिर लोगो के मतलब
का इंतजार करते हैं।
✍️ दुष्यंत कुमार पटेल