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1 Apr 2022 · 1 min read

बेबशी को तड़पते हुए देखा…गरीबी की गाथा

गुजरते हुए रास्ते में कई बार हैं देखा
बेबशी को तड़पते हुए..!
भर रही थी वो दर्दभरी आहें
थी निग़ाहोंमें उभरती व्यथाएं..!!

था पता हमें होता हैं गहरा व्यथा का दरिया
पर….जब रूबरू देख के किया महसूस तो
दिल सिसक उठा सुसुप्त वेदना को रुला दिया..!
हैं करुणता का सागर यहाँ तो
बिन पानी ही हैं छलका हुआ…!!

वो… मायूस चेहरे जिसे देख हमारी
सवेदना हैं जागी
पर… वो भी हैं बड़े ही स्वमानी
भले हो लाचारी पर न छाने देते हैं मज़बूरी…!!!!!

Language: Hindi
209 Views

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