बेपरवाह
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की समुन्द्र तट पर खेलते समय एक लहर आई और बच्चे के जूतों को बहा ले गई ,बच्चा बोला समुन्दर चोर है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की समुन्द्र में से मछुआरों ने बहुत सी मछलियां पकड़ीं और कहा की समुन्दर हमारा पालनहार है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की वहीँ समुन्दर किनारे भीख मांगते भिखारी के पास तेज लहरों के साथ बहता हुआ मोती आया तो भिखारी ने कहा की समुन्दर दानवीर है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की एक नवयुवक ने मानसिक अवसाद में डूब कर समुन्दर में छलांग लगा कर आत्महत्या कर ली तो उसकी पत्नी ने रोते बिलखते कहा की ये समुन्दर पापी है -हत्यारा है …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की इतने सारे व्यक्ति एक समुन्दर के बारे में अपनी अपनी सोच के अनुसार इतनी बातें कर रहे थे ,और वहां समुन्दर इन सबसे बेपरवाह कभी लहरों के वेग को झेलते -कभी एकदम शांत होते अपनी गति से अपने में मस्त था ,इसलिए आप अपनी जगह सही हैं तो मस्त रहिये क्यूंकि कुछ तो लोग कहेंगे …लोगों का काम है कहना …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान