बेपनाह मोहब्बत है पर दिखा नहीं सकता,
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बेपनाह मोहब्बत है पर दिखा नहीं सकता,
अल्फाज़ जुबां पर हैं पर बता नहीं सकता।
पनाहगाह बन गए हैं वो तृष्ण ईप्सा की।
इश्क और लफ़्ज़ की तौहीन करा नहीं सकता।
श्याम सांवरा…
बेपनाह मोहब्बत है पर दिखा नहीं सकता,
अल्फाज़ जुबां पर हैं पर बता नहीं सकता।
पनाहगाह बन गए हैं वो तृष्ण ईप्सा की।
इश्क और लफ़्ज़ की तौहीन करा नहीं सकता।
श्याम सांवरा…