#बेतकल्लुफ़_हुस्न 006
मोहब्बत नाम है जिसका, वो तो बस अब कहानी है,
नही चाहत है ये दिल की, जज्बातों की रवानी है।
न कर तू बात अब साथी, उन पिछड़े जमाने की,
मतलबी आज की ‘लैला’, ‘सोनी’ भी हुई सयानी है।।
न अब ‘राधा’ बने कोई, ना ही ‘मीरा’ दीवानी है,
कन्हैया बन के क्या होगा, सारी गोपी बेगानी है।
बेगानो के शादी में जहाँ अब्दुल्ला दीवाना था,
वही फैशन के चक्कर मे, हुई सलमा दीवानी है।
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित २५/१०/२०१८ )