….बेटों को भी सिखाएं…
बेटियों के साथ साथ,
अब बेटों को समझाना होगा ।
तहजीब और संस्कार का पाठ,
अब इनको भी पढ़ाना होगा ।
बेटों को दो ऐसी परवरिश,
वो नारी का सम्मान करे ।
जहां खड़े हों वहां पे बेटी,
अपने को असहज न समझे।
पढ़ाई-लिखाई के साथ -साथ
मानवता का पाठ पढ़ाना होगा।
बेटियों के साथ-साथ ,
अब बेटों को भी समझाना होगा।
ऐसी सीख सिखाएं उनको,
कभी अनुचित न व्यवहार करें।
नारी के प्रति उनके नजरों में,
सदा ही मान और सम्मान रहे ।
धर्म जाति से ऊपर उठकर
सबका आदर करना सिखलाना होगा।
बेटियों को साथ साथ अब,
बेटों को समझाना होगा।
अपनी बहन हो या औरों की ,
सबका सम्मान जरूरी है।
मुश्किल में कोई दिखे अगर,
सहायता भी जरुरी हैं।
बिन राखी का भी रिश्ता ,
निभाना सिखलाना होगा।
बेटियों के साथ-साथ अब,
बेटों को समझाना होगा।
रुबी चेतन शुक्ला
अलीगंज
अलीगंज