बेटे भी प्यारे होते हैं
बेटी हो या बेटा हो, दोनों
एक बगिया के फूल है
बराबरी के नाम पर बेटों को
बेटियों से कमतर दिखाना
ये कहां का उसूल है।।
एक तरफ हम कहते हैं की बेटियों को
बराबरी का हक मिलना चाहिए
नहीं समझ आता मुझे फिर क्यों
बेटियों को बेटों से आगे बढ़ना चाहिए।।
मैं तो कहता हूं सबको साथ
मिलकर चलना चाहिए
बेटी हो या बेटा सबको बराबर
हक मिलना चाहिए।।
है ईश्वर के वरदान ये, बेटा हो या
बेटी, सबको खिलना चाहिए
टकराव से नहीं, मिलजुल कर हम
सभी को आगे बढ़ना चाहिए।।
है बेटी लक्ष्मी तो उसको भी नारायण चाहिए
है बेटी राधा तो उसको भी बंसी वाला चाहिए
राम बिन अधूरी है सीता, शिवजी बिना पार्वती
फिर क्यों हमें बेटियों को बेटों से आगे
बढ़ते देख ज्यादा खुशी होनी चाहिए।।
बेटे भी तो श्रवण कुमार हो सकते हैं
महान धनुर्धर अर्जुन हो सकते है
दिए जाएं गर सही संस्कार उनको
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हो सकते हैं।।
सच है की बेटियों को आगे बढ़ना चाहिए
है बराबरी की हकदार वो, उनको मिलनी चाहिए
है स्थिति खराब उनकी, सुधरनी चाहिए
और उनको भी बेटों के बराबर होना चाहिए।।
ऐसा करते हुए बेटा बेटी में
बढ़ जाए फिर से दूरियां
ऐसा भी नहीं होना चाहिए
जो हो रहा अभी बेटियों के संग
आगे बेटों के साथ नहीं होना चाहिए।।
बेटे बेटियों की तुलना से
हमको हमेशा बचना चाहिए
हमारे लिए बेटा हो या बेटी
सभी बराबर होने चाहिए।।