बेटे को अफसर बना दिया
दरिया को कहो तुमने ये क्यों कर बना दिया
खुद में जो मिलाया तो समंदर बना दिया
बो-बो के फसल यादों की इस दिल के खेत मे
अच्छी भली जमीन को बंजर बना दिया
रो-रो के कह रही है झोपड़ी ये सभी से
महलों ने जाने कितनो को बेघर बना दिया
दहशत भरा माहौल बनाकर के मुल्क़ में
सबको ही तुमने गांधी का बंदर बना दिया
सबकी कही सुनी को आस्तीं में पालकर
छोटा था साँप तुमने ही अजगर बना दिया
तेरी अदा को बोल सियासत मैं क्या कहूँ
तूने तो मालिकों को ही नौकर बना दिया
करता हूँ नमन ऐसे पिताओं को जिन्होने
सी-सी के जूता बेटे को अफसर बना दिया