Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2021 · 1 min read

बेटी

किस्मत से घर पर आई बेटी,
खुशियां घर पर लाई है बेटी।
जीवन की ये शुरुआत है बेटी,
खुशहाली का प्रभात है बेटी।।

करती सुन्दर बड़े काम है बेटी,
प्रिय दिव्य ज्योति नाम है बेटी।
समुद्र सी गहराई पाई है बेटी,
ये ठोस धरतीसम बन है बेटी।।

ये दुनिया की बुनियाद है बेटी,
ईश्वर कृपा से आबाद है बेटी।
माँ की कोख है सजाती बेटी,
पिता प्यार से बुलती है बेटी।।

स्वयं उपजाऊ संसार है बेटी,
तू है माँ का ही विस्तार बेटी।
तुम्हीं हो गंगा सी पावन बेटी,
खुशियों की तुम सावन बेटी।।

तू नदी की निर्मल धार हैं बेटी,
गरीब, अक्षम का प्यार है बेटी।
घर खुशहाली में शुमार हो बेटी,
परिवार का लघु संसार हो बेटी।।

मर्यादा का तू संविधान है बेटी,
हर मुश्किल में समाधान हैं बेटी।
बहुत खूबसूरत संसार हैं बेटी,
तुम्हीं प्रगति का आधार है बेटी।।

जगत का तुम भरोसा हो बेटी,
यादों का बस झरोखा हो बेटी।
‘पृथ्वीसिंह’ मंदिर की खुशी बेटी,
सुखी समृद्ध दीर्घायु बसी बेटी।।

कवि पृथ्वीसिंह बैनीवाल
9467694029, 9518139200

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 4 Comments · 473 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
View all

You may also like these posts

बार -बार कहता दिल एक बात
बार -बार कहता दिल एक बात
goutam shaw
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
लक्की सिंह चौहान
कहा किसी ने
कहा किसी ने
Surinder blackpen
इस धरती के आगे
इस धरती के आगे
Chitra Bisht
वहशतें
वहशतें
Kunal Kanth
गलतियां
गलतियां
Nitin Kulkarni
तेरा लहज़ा बदल गया इतने ही दिनों में ....
तेरा लहज़ा बदल गया इतने ही दिनों में ....
Keshav kishor Kumar
2829. *पूर्णिका*
2829. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
साया
साया
Harminder Kaur
सच
सच
pradeep nagarwal
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
सितामढी़
सितामढी़
श्रीहर्ष आचार्य
" नैतिकता "
Dr. Kishan tandon kranti
उदासियां बेवजह लिपटी रहती है मेरी तन्हाइयों से,
उदासियां बेवजह लिपटी रहती है मेरी तन्हाइयों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यॅू तो,
यॅू तो,
TAMANNA BILASPURI
जीवन की अवस्थाएँ…
जीवन की अवस्थाएँ…
meenu yadav
*प्रकृति के हम हैं मित्र*
*प्रकृति के हम हैं मित्र*
Dushyant Kumar
आदित्य(सूरज)!
आदित्य(सूरज)!
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
कहाँ रूठ कर?
कहाँ रूठ कर?
Rambali Mishra
*जिनको चॉंदी का मिला, चम्मच श्रेष्ठ महान (कुंडलिया)*
*जिनको चॉंदी का मिला, चम्मच श्रेष्ठ महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सहधर्मनी
सहधर्मनी
Bodhisatva kastooriya
प्रिंट मीडिया का आभार
प्रिंट मीडिया का आभार
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
***किस दिल की दीवार पे…***
***किस दिल की दीवार पे…***
sushil sarna
सही दिशा में
सही दिशा में
Ratan Kirtaniya
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
कृष्णकांत गुर्जर
मैं
मैं
Shikha Mishra
देखे भी तो कैसे? (कविता)
देखे भी तो कैसे? (कविता)
Indu Singh
इश्क़ से अपने कुछ चुने लम्हें
इश्क़ से अपने कुछ चुने लम्हें
Sandeep Thakur
👍👍
👍👍
*प्रणय*
यक्षिणी-14
यक्षिणी-14
Dr MusafiR BaithA
Loading...