” बेटी “
II आज वह मां सोई नहीं होगी ,
आज भी उसे अपनी बेटी के आने का इंतजार होगा ll
ll आज भी उसकी आंखों में वही सपने होंगे,
जिसे कभी उसकी बेटी ने उसे बताए होंगे ll
ll मां मां की आवाज आज भी उसकी कानों में गूंज रही होगी ,
जिस रास्ते से वह घर आती थी उसी रास्ते पर अभी भी उसकी नजरें होंगी ll
ll बहुत उम्मीद थी उसको अपनी बेटी से और वह उन उम्मीदों पर खरी उतरी थी,
आज उस मां के दिल में हर वह बात अधूरी है जो उसे अपनी बेटी से करनी थी ll
ll आज उस मां का इंसान से क्या भगवान पर से भरोसा उठ गया होगा ,
सौ सवाल होंगे उसके जेहन में जिसका जवाब उसे नहीं मिल रहा होगा ll
ll कोई तो उस मां को बता दो कि उसकी बेटी अब कभी नहीं आएगी ,
जिसे पाला था उसने कलेजे का टुकड़ा समझ कर उसकी यादें उसे जिंदगी भर रुलाएगी ll