बेटी
???बेटी???
बेटियाँ घर की लक्ष्मी, बेटी है भगवान।
बिन बेटी संसार में,नहीं कोई धनवान।।
नहीं कोई धनवान , न लक्ष्मी आये घर में।
आये भी गर भूल, रूकें न जायें क्षण में।
आये नहीं अभाव , भरी हो घर की पेटियां।
जिसके आंगन नित्य, सुख से रहतीं बेटियाँ।।
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✍✍ पं.संजीव शुक्ल “सचिन”