बेटी
बेटियां बड़ी प्यारी होती है,वो घर की फुलवारी होती है, उनसे हमारा घर महकता है ऐसे,महक फूलो की साँसों में जैसे। उनके आहट से लगता है ऐसे,शहनाई सी बजती हो जैसे।बिना बोले ही उनका अस्तित्व रहता है ऐसे,पायलों की छनक से, चूड़ियों की खनक से।जब वो बोलती है माँ,पिता, भैया आदि लगता है कोई वीणा का तार छेड़ा हो जैसे।सचमुच बेटियां बड़ी प्यारी होती है।वो जग से न्यारी होती है, वो माँ बाप की राजकुमारी होती है।
एकता चित्रांगिनी