बेटी
बेटी
धरती का श्रृंगार है बेटी |
कुदरत का उपहार है बेटी ||
रंग-बिरंगे मौसम बेशक |
जैसे ऋतू बहार है बेटी ||
कहीं शारदा कहीं रणचंडी |
चिड़ियों की उदार है बेटी ||
दो कुलों की शान इसी से |
प्रेम का इक संसार है बेटी ||
इस बिन सृजन न हो पायेगा |
धरती का विस्तार है बेटी ||
बेटी बिन जग बेदम-नीरस |
जग में सरस फुहार है बेटी ||
मधुर-मधुर एहसास है बेटी |
पूर्णता-परिवार है बेटी ||
धरती का स्पन्दन है यह |
ईश-रूप साकार है बेटी ||
बेटे का मोह त्यागो प्यारे |
नूतन-सृजन-नुहार है बेटी ||
कुल की शान बढ़ाये बेटी |
मत समझो कि बहार है बेटी ||
दिल की बातें दर्द सुनाये |
अपने तो सरकार है बेटी ||
अशोक दर्द
प्रवास कुटीर ,गाँव व डाकघर बनीखेत
तह.डलहौजी जिला चंबा,हिमाचल प्रदेश 176303