Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2017 · 1 min read

बेटी

हाइकु
1
बेटा या बेटी
ना करो अपमान
एक समान
2
बेटी भी होती
परिवार की जान
नहीं सामान
3
एक नहीं दो
आँगन है रोशन
बढाती मान
4
कई रिश्ते
लेकर चलती है
बेटी है नाम
5
एक पैगाम
वजूद है हमारा
जब है बेटी
6
आँगन सूना
सारा संसार सूना
बेटी के बिन
7
जब है बेटी
गूंजता है आंगन
हंसी है बेटी
8
संसार दुखी
दर दर भटके
खोजता ख़ुशी

भूपेंद्र रावत
16/08/2017

Language: Hindi
1 Like · 653 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लिखना पूर्ण विकास नहीं है बल्कि आप के बारे में दूसरे द्वारा
लिखना पूर्ण विकास नहीं है बल्कि आप के बारे में दूसरे द्वारा
Rj Anand Prajapati
रक्तदान पर कुंडलिया
रक्तदान पर कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
जब कोई,
जब कोई,
नेताम आर सी
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
Lokesh Sharma
जय जगन्नाथ भगवान
जय जगन्नाथ भगवान
Neeraj Agarwal
हद
हद
Ajay Mishra
"समय क़िस्मत कभी भगवान को तुम दोष मत देना
आर.एस. 'प्रीतम'
विजेता सूची- “संवेदना” – काव्य प्रतियोगिता
विजेता सूची- “संवेदना” – काव्य प्रतियोगिता
Sahityapedia
चंद अश'आर ( मुस्कुराता हिज्र )
चंद अश'आर ( मुस्कुराता हिज्र )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
🚩एकांत महान
🚩एकांत महान
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मिथिला कियेऽ बदहाल भेल...
मिथिला कियेऽ बदहाल भेल...
मनोज कर्ण
" REMINISCENCES OF A RED-LETTER DAY "
DrLakshman Jha Parimal
संकल्प
संकल्प
Vedha Singh
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
Rajesh Kumar Arjun
*सत्य ,प्रेम, करुणा,के प्रतीक अग्निपथ योद्धा,
*सत्य ,प्रेम, करुणा,के प्रतीक अग्निपथ योद्धा,
Shashi kala vyas
टीस
टीस
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
हृदय की वेदना को
हृदय की वेदना को
Dr fauzia Naseem shad
शिक्षा ही जीवन है
शिक्षा ही जीवन है
SHAMA PARVEEN
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
4467.*पूर्णिका*
4467.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
Rituraj shivem verma
प्याली से चाय हो की ,
प्याली से चाय हो की ,
sushil sarna
ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ
ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ
Bidyadhar Mantry
मौत
मौत
Harminder Kaur
हर एक  खैरियत पूछने वाला...
हर एक खैरियत पूछने वाला...
पूर्वार्थ
" स्वर्ग "
Dr. Kishan tandon kranti
*शून्य से दहाई का सफ़र*
*शून्य से दहाई का सफ़र*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
भूल नहीं पाये हम अभी तक
भूल नहीं पाये हम अभी तक
gurudeenverma198
Loading...